“कोई नहीं जानता वह कौन है,
फिर भी सभी थर्राते लफ्जों में उसी का ज़िक्र करते हैं”
राकेश संचेती एक खुशहाल इंसान, एक सफल टेक्सटाइल बिज़नस का मालिक जिसकी प्यारी सी पत्नी उसके बच्चे को जन्म देने वाली है।
लेकिन राकेश के खुशहाल जीवन पर छाया है उसके काले अतीत का साया, जो उसके हसते-खेलते जीवन और उसकी साख को खाक में मिला सकता है। इस मुसीबत से उसे बचा सकता है एक ही इंसान। एक अनाम शख्स – जो समस्याओं को सुलझाता है, बिना किसी फीस के।
आखिर कौन है यह रहस्यमय शख्स?
इंसान है या कुछ और?
ज़ालिम माँझा और ड्राक्युला:रक्तिम भूमि के लेखक पेश करते हैं, रहस्य और रोमांच से भरपूर वीभत्स संसार की एक भयावह कहानी,
ईंकोग्निटों!
पुस्तक विवरण
- कुल पृष्ठ संख्या – 36
- किंडल अनलिमिटेड के साथ मुफ्त।
आभार सूचि
- कहानी – सुदीप मेनन
- लेखन – सुदीप मेनन
- चित्रांकन – मार्टिना दी लूज़िओ
- रंग – संतोष पिल्लेवार
- मुख्य पृष्ठ – ज़ोहेब मोमिन और संतोष पिल्लेवार
- शब्दांकन – मंदार गंगेले