Description
1991 में एक ऐसा भयावह और रहस्यमयी कत्ल होता है जिससे दुनिया आजतक बेखबर है। वर्तमान में 15 वर्षीय युगांत कपूर उर्फ युग की जिंदगी बस क्रिकेट और कॉमिक्स के इर्द गिर्द घूमती है। पर उसकी साधारण जिंदगी असाधारण मोड़ लेने लग जाती है। युग को एक भयानक सपना हर रात आने लग जाता है। इस सपने के तार उसे 90 के दशक में हुए उस मर्डर केस की तरफ ले जाते हैं, जिस का रहस्य उसका जीवन हमेशा के लिए बदलने वाला है। इकॉग्निटो के रचयिता पेश करते हैं एक कहानी दोस्ती की प्यार की और विश्वासघात की। सुदीप मेनन द्वारा लिखी सतयुग श्रद्धांजलि है राज खोसला और ऐल्फ्रेड हिचकॉक के नॉयर फिल्मों को, जिसका चित्रांकन किया है कायो पेगाडो ने और जिसकी रंगसज्जा की है संतोष पिल्लेवार ने।
Gautam Yadav –
कहानी-
एक लड़का ‘युग’ जिसे एक दिन अचानक से भूत दिखने लगते हैं। उसकी इस नई क्षमता के साथ -साथ उसके पास आते हैं, उसके शहर अस्तिपुर के बहुत से पुराने पाप जिनका कभी उद्धार ही नहीं किया गया। जिस भूत से उसकी मुलाकात पहली बार हुई थी, उसका नाम सत्या रहता है। सत्या और युगांत दोनों मिलकर उन पापों का उद्धार करते हैं जो कभी अस्तिपुर की जमीन पर किए गए थे।
सतयुग, अध्याय 01 की कहानी एक बहुत ही सरल कहानी है।
या फिर अभी सिर्फ हमें ऐसा लग रहा है,..
क्योंकि युग के डरावने सपने!
सिर्फ उसका भूतों को देख पाना!
सत्या और उसका मिलना नियति का तय होना!
Rating 7.4
कहानी- 3.2
आर्ट- 4..2
sameer –
सतयुग कॉमिक्स के पहले भाग की कला वाकई शानदार है। न जाने क्यों, लेकिन यह किताब मुझे बहुत ही संबंधित महसूस कराती है। इसका अंत इतना अच्छा है कि यह और पढ़ने की इच्छा छोड़ देता है। मैं निश्चित रूप से अगला भाग खरीदूंगा, जैसे ही मैं और पैसे बचा पाऊँगा।